पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मतदाता सूची में संशोधन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। हालांकि, विपक्ष ने इसमें गड़बड़ी की आशंका जताई है ऐसे में आम मतदाता इस संशोधन प्रक्रिया को लेकर असमंजस में हैं। मतदाताओं के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। आइए आज जानते हैं इन्हीं सवालों के जवाब।
यह विशेष संशोधन प्रक्रिया क्या है?
वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने और हटाने की प्रक्रिया को विशेष संशोधन प्रक्रिया कहा जाता है। यह कभी छोटे तो कभी बड़े पैमाने पर कराया जाता है। बिहार में आखिरी बार 2003 में कराया गया था। इससे किसी वैलिड वोटर का नाम नहीं कटता। बल्कि, घुसपैठिए और लिस्ट में गलत तरीके से नाम जुड़वाने वाले लोग बाहर होते हैं।
संशोधन प्रक्रिया के लिए चुनाव आयोग के निर्देश क्या हैं?
1987 के बाद जन्मे और 1 जनवरी 2003 के बाद वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने वाले लोगों को बर्थ सर्टिफिकेट, पासपोर्ट या किसी अन्य एजुकेशनल सर्टिफिकेट के जरिए अपनी नागरिकता का प्रमाण देना होगा। इसके लिए उन्हें प्री फील्ड एन्यूमरेशन फॉर्म भरवाया जा रहा है। ये काम BLO घर-घर जाकर कर रहे हैं। 26 जुलाई तक इसे भरना है।
बाहर रहने वाले लोग फिर इस प्रक्रिया में शामिल कैसे होंगे?
अगर आप बाहर रहते हैं तो, ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं। सबसे पहले आपको ECI की वेबसाइट पर जाना होगा और फिर यहां फॉर्म भरकर और साइन करने के बाद डॉक्यूमेंट अपलोड करना होगा।
वोटर आईडी कार्ड वालों को भी फॉर्म भरना होगा?
मतदाता सूची में नाम सत्यापित करने के लिए ऐसा करना जरूरी है। अगर आप फॉर्म नहीं भरते तो आपका नाम कट सकता है। और फिर से नाम जुड़वाने के लिए फॉर्म-6 भरना होगा। हालांकि, 2003 की मतदाता सूची में आपका नाम है तो फिर आपको कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं है।
2003 की मतदाता सूची में अपना नाम कैसे चेक करें?
बूथ लेवल अधिकारी की सहायता से आप इस लिस्ट में अपना नाम चेक कर सकते हैं या ऑनलाइन भी इस लिस्ट को चेक कर सकते हैं। सबसे पहले आपको चुनाव आयोग की बेवसाइट www.voters.eci.gov.in पर जाना होगा। यहां 2003 के मतदाता सूची पर क्लिक करें। अपना जिला, विधानसभा और भाग संख्या का चयन करें। इसके बाद चेक या देखें बटन पर क्लिक करें और PDF में अपना नाम चेक करें। मतदाता सूची में संशोधन की प्रक्रिया का एकमात्र उद्देश्य ये सुनिश्चित करना है कि आप वैलिड वोटर हैं और आपकी नागरिकता भारतीय है।