पटना: जन सुराज पार्टी के संयोजक प्रशांत किशोर ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल पर किशनगंज के माता गुजरी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज पर अवैध कब्जे का आरोप लगाया है. पीके का दावा है कि जायसवाल ने कॉलेज में हेल्पर से शुरुआत कर क्लर्क, फिर एडमिनिस्ट्रेटर बने और अंततः कॉलेज के ट्रस्टी को हटाकर डायरेक्टर बन गए.
हत्या का आरोप और पुलिस की क्लीन चिट
प्रशांत किशोर ने यह भी आरोप लगाया कि दिलीप जायसवाल पर एक व्यक्ति राजेश शाह की हत्या का आरोप था, जिसमें पुलिस ने उन्हें क्लीन चिट दे दी. पीके ने कहा कि बिहार में 50 से अधिक राजनीतिक परिवार के लोग उनके बच्चे या रिश्तेदार बिना किसी एडमिशन टेस्ट के मैनेजमेंट कोटा से उनका एडमिशन इस कॉलेज में लिया गया और उनका मेडिकल की डिग्री दी गई.
राबड़ी देवी के मुंहबोले भाई पर आरोप
प्रशांत किशोर ने दावा किया कि राबड़ी देवी दिलीप जायसवाल को अपना मुंह बोला भाई मानती हैं और इस मामले में बीजेपी और राजद दोनों नेताओं की मिलीभगत है. उन्होंने कहा कि जन सुराज इस मामले में कानूनी कार्रवाई करेगी और सीबीआई जांच की मांग करेगी.
दिलीप जायसवाल का पलटवार
दिलीप जायसवाल ने इन आरोपों को मनगढ़ंत और बेबुनियाद बताते हुए खारिज किया है. उन्होंने पीके पर पलटवार करते हुए कहा कि यह 2025 के चुनाव से पहले बीजेपी की छवि खराब करने की साजिश है.
क्या है मामला?
माता गुजरी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज किशनगंज में स्थित एक अल्पसंख्यक सिख समुदाय के लिए स्थापित संस्थान है. आरोप है कि दिलीप जायसवाल ने गलत तरीकों से कॉलेज पर कब्जा कर लिया और अब इसके मैनेजिंग डायरेक्टर हैं. इस मामले में अब सियासत गर्मा गई है और स्थानीय लोग जांच की मांग कर रहे हैं।
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